आप मिथिला को दया के दृष्टि से देख सकते है , आप मिथिला का उपहास कर सकते है, आपको यहाँ के लोग में कुछ न करने की ललक मिल सकता है लेकिन ऐसा नहीं हैं मेरा मानना है की व्यक्ति या समाज का विकास उसके राजनितिक सोच पर निर्भर करता है. दिल्ली, महारष्ट्र या अन्य राज्य का विकास कैसे हुआ ? जब इसका अध्यन करेंगे, तो आप पाएंगे की इसके पीछे सिर्फ एक अच्छा राजनितिक सोच था. जब हम विजन का बात करते है तो एक शब्द में कहा जा सकता है मै मिथिला के विकास का बात कर रहा हूँ. लेकिन यहाँ प्रश्न यह है की, विकास का पैमाना क्या है ? तो मै कहूँगा की रोजी-रोटी के लिए लोगो को अपने जन्मभूमि से दूर ना जाना ही उचित विकास के श्रेणी में आता हैं. अब सोचिये की एक ऐसा क्षेत्र जहाँ 7 करोर पब्लिक का बाजार है, सस्ते लेबर है, बहुतायत में नदिया बहती है और कृषि और इंडस्ट्री के लिए प्रचुर मात्रा में जमीन हैं फिर ऐसा क्या हुआ की लोग दो वक्त के रोटी के लिए दर-व-दर भटक रहे हैं ? क्या हुआ की दुसरे राज्यों में जाकर खाते है ?